<no title>अंधेरे की काली चादर उजाले में बदल सकती है ।

 


अंधेरे की काली चादर उजाले में बदल सकती है ।


कमलेश बहादुर सिंह


आज विश्व पर्यटन दिवस पर सोचा कि काश हमारे इस किले को गुमनामी के अंधेरे से निकालकर पर्यटन के विश्व मानचित्र पर लाकर कोई तो रौशन करता । पूर्व में प्रस्तावित रोप वे ,रायसेन महोत्सव ,कैंटीन निर्माण , पुलिस चौकी,लाइट एंड साउंड सहित मरम्मत सहित विभिन्न कामों के प्रति यदि सहज गम्भीरता से प्रयास होता तो अत्यंत प्राचीन यह किला भी अपने वैभव और गौरव के अनुरूप प्रसिद्धि पा जाता ।


बेहतर हो कि इस किले के इतिहास के सन्दर्भित तथ्यों को संकलित करके इस पर फ़िल्म डिवीज़न प्रभाग के सहयोग से डॉक्यूमेंट्री बनवाई जाए और उसको दिखाया जाए तथा किले के महत्वपूर्ण भागों के सुंदर छायांकन को ब्रोशर के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जा सके तो निश्चित ही अंधेरे की काली चादर उजाले में बदल सकती है 
इसी तरह उदयगिरि से सतधारा ,हलाली वाटर स्पोर्ट्स ,सीता तलाई ,सांची ,पेनगनवा,पुतली करार ,सहित बिखरे शैल चित्रों के प्रमुख स्थानों,चिड़िया टोल भोजपुर ,आशापुरी ,जामगढ़ की गुफा ,देवरी के पास स्थित प्राचीन दीवार ,और  भीमबैठका को जोड़कर एक टूरिस्ट सर्किल बनाकर पर्यटकों को लुभाया जा सकता है और यूनेस्को की सूची में ज़िले की तीसरी विश्व धरोहर बनने की सूची में प्रस्तावित भोजपुर शिव मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल करने हेतु पुरज़ोर कोशिश हो तो रायसेन जिले के पुरातात्विक वैभव से दुनिया परिचित हो सकेगी ।म्भा