जनप्रतिनिधि को ऐसा ही होना चाहिए
कमलेश बहादुर सिंह
कल रात्रि लगभग 1 बजे शहर से 3 किलोमीटर दूर दरगाह के पास रीछन नदी पर हुए बस हादसे में बिना अपनी परवाह किये शहर के जिन युवाओं,पत्रकारों ,प्रशासनिक अधिकारियों ,पुलिस ,होमगार्ड,एस डी आर एफ मौके पर मौजूद जिन लोगों ने मदद करके लोगों को बचाया और हादसे की तीव्रता को कम किया ,वे सभी बधाई के पात्र है ।
विशेष रूप से कलेक्टर रायसेन उमाशंकर भार्गव सर ने जिस तरह की मानवीय संवेदना का उदाहरण प्रस्तुत किया , एस पी श्रीमती मोनिका शुक्ला मैडम ने जिस तीव्रता से पूरा अमला झोक दिया,यह पक्ष अत्यंत प्रशंसनीय है ।
हमारे साथी लाल मिया उर्फ लाल चच्चा ने जिस जांबाज़ी का परिचय दिया और बस को सीधा किया , यह जानकर उस दोस्त पर गर्व हो रहा है ।
प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉक्टर गौरीशंकर शेजवार जी और वर्तमान मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी जी ने अत्यंत सम्वेदनशीलता के साथ पीड़ितों के परिजनों से मिलकर यह सिद्ध किया कि वास्तव में जनप्रतिनिधि को ऐसा ही होना चाहि ।
आज शाम हिन्दू उत्सव समिति और मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्षों ने अपने साथियों और शहरवासियों के साथ कैंडल मार्च निकालकर यह संदेश दिया कि प्रत्येक आपदा में शहर के लोग पूरी सम्वेदना के साथ प्रत्येक जन के साथ बिना भेद के आम जन के साथ खड़े है ।
प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मृतक के आश्रित को 4 लाख की सहायता की घोषणा की ,जो सराहनीय है किंतु अधिक दिया जाना चाहिए ।
अभी तक यह बात ही सामने आई कि जिला चिकित्सालय में दुर्घटना के समय केवल 1 ही चिकित्सक मौजूद था ,फिर यदि और डॉक्टर्स होते हो शायद बेहतर उपचार मिल जाता ।
खैर ,अब तो हादसा हुए 1 दिन हो गया लेकिन व्यवस्थाओं में आमूल चूल परिवर्तन की दरकार है और सड़क सहित स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं को स्तरीय बनाना होगा ।ट्रामा सेंटर जल्द पूर्ण कराना होगा और डॉक्टर्स का अप डाउन सख्ती से रोकना होगा । हॉस्पिटल की नूरा कुश्ती बन्द कराने के लिए कुछ कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे ।
ईश्वर न करे फिर कभी यह हादसा हो और सभी सुखी एवम स्वस्थ हों ।