<no title>अज्ञानता में या जानबूझकर की गई टिप्पणी का प्रतिउत्तर इतना घृणा से, क्यों ?

 





दिव्य चिंतन

 

अज्ञानता में या जानबूझकर की गई टिप्पणी का प्रतिउत्तर इतना घृणा से, क्यों

 

हरीश मिश्र

 

 

शरद ऋतु का आगमन हो चुका है____राम मंदिर पर आने वाले फैसले से पहले राजनैतिक, सामाजिक वातावरण में तपन महसूस हो रही है। उत्तर भारत से गर्म हवा प्रभावित होने लगी। लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की गला रेत कर तालिबानी फितरत  से हत्या कर देश में क्लेश फैलाने का प्रयास  कुछ आताताई अनुयायियों ने किया । उसकी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों में हो रही है____हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है । यह तालिबानी फितरत के अनुयाई पहले से जानते थे। देश में प्रतिक्रया अवश्य होगी__पर वह बहुत कुछ नहीं जानते___जिसकी हत्या की वह राम, कृष्ण अनुयाई था___मतलब उसका पुर्नजन्म निश्चित है___उसका शरीर मरा है। आत्मा अजर-अमर है। जैसे ही शरीर से प्राण निकले । उसकी आत्मा अजर-अमर हो गई । 

 

 

      जहां तक मैंने अध्ययन किया है अल्लाह दयावान है, कृपाशील है, मानवता वादी है, इसीलिए सच्चा मुसलमान बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम से अपनी इबादत प्ररंभ करता है__पर कुछ अनुयाई अशुद्ध व अपवित्र हो गए। अशुद्ध व अपवित्र पात्र में दूध रख दिया जाए तो वह पीने योग्य नहीं रहता। यदि उसे पी लिया जाए तो नुकसान निश्चित है। उसी तरह दिव्या व पवित्र शक्तियां जो ईश्वर, अल्लाह, जीजस से प्राप्त हैं । यदि अयोग्य व कुपात्र  व्यक्ति को मिल जाएं तो वह उसका दुरुपयोग ही करता है और वे शक्तियां उसके लिए, समाज के लिए, देश के लिए लाभकारी ना होकर विध्वंसक हो जाती हैं और संपूर्ण धर्म को नुकसान पहुंचाती हैं।

      सारा देश सन्न है, इस क्रूर हत्या से और पूछ रहा है  की शांति के धर्म इस्लाम के अनुयाई इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं ?  यह वह लोग हैं जिन्हें इस्लाम पर भरोसा नहीं और अज्ञानता में रक्तपात कर उस दयालु , कृपाशील अल्लाह की सत्ता को चुनौती दे रहे हैं।

    कमलेश तिवारी ने ईश्वरी पैगम्बर पर अनुचित टिप्पणी की___निंदनीय है___अज्ञानता में या जानबूझकर की गई टिप्पणी का प्रतिउत्तर इतना घृणा से, क्यों ? जब इस्लाम शांति का धर्म है तो उसके अनुयाई कमलेश तिवारी से मिलकर उस दयालु ,कृपालशील, रहम करता अल्लाह के संदेश देकर उसकी भूल का एहसास कराते।  अल्लाह के मार्ग का अनुसरण कराते । माफ भी कर सकते थे। उसके विपरीत घृणा और रक्त से स्नान कराकर जहां देश के अमन और शांति भंग की, वही इस्लाम की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया ? हिंदू देवी देवताओं के नग्न चित्र बनाने वाले मकबूल फिदा हुसैन का किसी ने गला नहीं काटा ।  हां कानून के अनुसार सजा दिलाने के लिए आंदोलन किए ।

        अल्लाह ने सबको बनाया है। वही सबका मालिक है और अकेला शासक। इस सर्वोच्च शासक के अलावा इस दुनिया में किसी का हुक्म नहीं चलता। तमाम इंसान जो दुनिया में है । उसी अल्लाह के अधीन है और किसी की मजाल नहीं कि उसके हुक्म को टाल सके । फिर प्रश्न उठता है कमलेश तिवारी की हत्या का हुकुम किसने दिया उन शैतानों ने या दयालु , कृपाशील ने ?


  •     देश हित में कमलेश तिवारी को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी । उस दयावान, कृपाशील अल्लाह के अनुयाई घरों से निकलें और तालीबानी फितरत की निंदा करें और चीख चीखकर कहें अल्लाह नेक है और राम कृष्ण के अनुयाई धैर्य से काम लें ।