भारत का राष्ट्र धर्म राम की मर्यादा, राम का चरित्र और राम का चिंतन है___
हरीश मिश्र
कल राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद धर्म विजयी हुआ ।
धर्म और अधर्म के बीच युगों-युगों से युद्ध चलते रहे हैं। धर्म का अर्थ तब भी किसी संप्रदाय से नहीं था___कौरव और पाण्डव एक ही संप्रदाय के अनुयाई थे___एक ही धर्म के थे___ और एक ही परिवार के थे। अन्नतोगत्वा युद्ध हुआ और धर्म की स्थापना के लिए भगवान को अवतार लेना पड़ा। भगवान ने धर्म की स्थापना अर्थात राष्ट्र धर्म की स्थापना के लिए संदेश दिया___
वास्तविक रुप से धर्म का अर्थ राष्ट्रधर्म से होता है___और भारत का राष्ट्र धर्म राम की मर्यादा, राम का चरित्र और राम का चिंतन है।
पूरे देश ने फैसले से पहले एक फैसला लिया कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा वह स्वीकार्य है । ओवैसी जैसे कुछ नेताओं के अतिरिक्त, सभी नेताओं ने इस फैसले को स्वीकारा । ओवैसी जैसे नेताओं को समझ में आ जाना चाहिए कि आज का मुसलमान पढ़ा लिखा है। वह सोचने और समझने लगा है। उसकी राजनीतिक सोच बदल रही है । वह राष्ट्र के प्रति गंभीर और राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ रहा है। उसकी सोच सकारात्मक हो रही है। यह निश्चित है कि ओवैसी जैसे नेता मछली पकड़ने के बड़े-बड़े जाल लेकर अपनी बंसी में लगाने के लिए गीली मिट्टी खोदकर केंचुए बटोर रहे हैं। राष्ट्र हित में अब ओवैसी की बंशी तोड़ने होगी।