<no title>मज़हर भाई, सईद नांदा जी

 



 


 मज़हर भाई, सईद नांदा जी


      भाई जान उसे कहते हैं___जो जान से प्यारा होता है  ___त्रेता में राम जी__वनवास चले जाते हैं___अपने भाई का राज तिलक कर__भाई भी भरत जैसा जो अपने भाई की चरण पादुका  रख लोकतंत्र स्थापित करते है___ऐसे भाई होते हैं जो जान से प्यारे होते हैं___
भाई जान  रहीम,रसखान  जैसे होते हैं जो गंगा की अविरल धारा बन भारतीय साहित्य में तुलसी दास जी के समकक्ष सम्मान पाते हैं___भाई जान अशफाक उल्ला खान जैसे होते हैं जो कहते हैं___कोई पूछे तो मेरी पहचान बता देना कफन के एक कोने पर हिंदुस्तान लिख देना ___भाई जान   अबुल कलाम जैसे होते हैं___ भारत के मस्तक पर  सुशोभित होते हैं___
भाईजान अब्दुल हामिद जैसे होते हैं___जो  देश की आन, बान,शान के लिए सरजमी चूम लेते हैं___भाई जान वह होते हैं जो हाशिम फिरोजाबादी की गजलों में वतन की सरपरस्ती के गीत लिखते हैं__मेरे लिए वही भाईजान हो सकता है जिसके हाथों में तिरंगा___होंठों पर गंगाजल हो__इस जमीं में खाक हो___
ऐसा कोई मेरा भाई जान नहीं हो सकता जो आगजनी करें___ पत्थर फेंके___ तिरंगा जलाए___ गणतंत्र दिवस का बहिष्कार करें___ऐसे भाईजान राष्ट्र विरोधियों को मुबारक___राष्ट्र वादियों और मेरे भाई जान धही हो सकते__जो देश का नही वह मेरा कुछ नहीं___ 
#जय_हिंद  🇮🇳🇮🇳


हरीश मिश्र